गुरु चांडाल दोष क्या है?
ग्रहों की स्थिती के कारण कुंडली मे शुभ और अशुभ दोनों ही प्रकार के योग बनते है और इन्ही योगो मे से एक गुरु चांडाल योग भी है। गुरु चांडाल दोष ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना जाता है। यह योग तब बनता है जब बृहस्पति ग्रह (ग्रहों के गुरु) और राहु या केतू एक ही राशि में या एक दूसरे के समक्ष होते हैं। जातक की कुंडली मे गुरु चांडाल दोष का योग बनने से कुंडली मे स्थित सारे शुभ योग नष्ट हो जाते है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह योग व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियां और बाधाएं ला सकता है।
गुरु चांडाल दोष के लक्षण-
गुरु चांडाल दोष के लक्षण निम्नलिखित है,
गुरु चांडाल योग के प्रभाव से व्यक्ति अशांत, चिड़चिड़ा और निराशावादी हो सकता है। उसे बार-बार नकारात्मक विचार आ सकते हैं।
गुरु चांडाल दोष से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे कि गले में खराश, बुखार, पेट दर्द, और त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं।
इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक नुकसान हो सकता है। धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च हो सकता है और व्यापार में बाधाएं आ सकती हैं।
गुरु चांडाल दोष से व्यक्ति के पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में तनाव आ सकता है। झगड़े और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं।
गुरु चांडाल दोष के कारण छात्रो को शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। एकाग्रता में कमी और पढ़ाई में रुचि कम हो सकती है।
इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में अकारण नकारात्मक घटनाएं हो सकती हैं। दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
- गुरु चांडाल योग के कारण किसी भी जातक की सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट आ सकती है।
गुरु चांडाल दोष से व्यक्ति की आध्यात्मिकता में कमी आ सकती है। ईश्वर के प्रति विश्वास कम हो सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी लक्षण हर व्यक्ति में दिखाई नहीं देते हैं। गुरु चांडाल दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि आपको लगता है कि आप गुरु चांडाल दोष से प्रभावित हैं, तो आपको किसी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए। ज्योतिषी आपकी कुंडली का विश्लेषण करके आपको बता सकते हैं कि आप इस दोष से प्रभावित हैं या नहीं।
गुरु चांडाल योग निवारण उपाय-
गुरु चांडाल योग शांति के उपाय निम्नलिखित है,
- गुरु चांडाल दोष से पीड़ित व्यक्ति को प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करें।
- गुरु चांडाल योग से पीड़ित व्यक्ति को गुरुवार के दिन पीले रंग की वस्तु का दान या गाय को केला खिलना चाहिए।
- गुरु चांडाल दोष के असर को कम करने के लिए आप रोज प्रातः सूर्य को जल अर्पण करे, और सूर्य की उपासना करें।
- गुरु चांडाल योग के प्रभाव को कम करने के लिए माथे पर रोजाना केसर, हल्दी का तिलक लगाना चाहिए।
- गुरु और राहु के मंत्रों का नियमित जाप करने से इस योग के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
- गुरु और राहु से संबंधित वस्तुओं का दान करने से भी इस योग के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
- गुरु ग्रह का रंग पीला होता है। इसलिए गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनें और पीले रंग की चीजों का प्रयोग करें।
यह बात ध्यान रखना महत्वपूर्ण है की ऊपर दिए गए उपायो की मदद से आप सिर्फ गुरु चांडाल दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते है, इस दोष को हमेशा के लिए दूर करने का एकमात्र उपाय गुरु चांडाल योग शांति पूजा है अगर आप यह पूजा सम्पन्न नहीं कराते है, तो यह दोष आपको जीवन भर परेशान करता रहेगा।
गुरु चांडाल दोष शांति पूजा क्या है?
गुरु चांडाल योग शांति पूजा एक विशेष अनुष्ठान है जो ग्रहों की स्थिति के कारण उत्पन्न होने वाले नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में, गुरु को ज्ञान, बुद्धि, धर्म और शिक्षा का कारक माना जाता है, जबकि राहु को भ्रम, धोखा और अनिश्चितता का कारक माना जाता है। जब गुरु और राहु एक साथ आते हैं, तो यह गुरु चांडाल योग का निर्माण करता है। यह योग जीवन में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। और इस पूजा की मदद से जातक गुरु चांडाल दोष से हमेशा हमेशा के लिए मुक्ति पा सकता है।
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