उज्जैन मे आसान सी कालसर्प दोष पूजा बुक कराये और जीवन मे आ रही समस्याओ से छुटकारा पाये, अभी आचार्य दीपक व्यास जी से बात करे और अपनी पूजा बुक करे।
कालसर्प दोष पूजा | मंगल दोष पूजा | महामृत्युंजय जाप | रुद्राभिषेक पूजा
सभी प्रकार की दोष निवारण पूजाओ हेतु संपर्क कर सकते है।
Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain के साथ पंडित जी सभी प्रकार की पुजाओ मे पारंगत है। पंडित जी के द्वारा मांगलिक कार्य एवं अन्य पुजाए वैदिक विधि विधान से सम्पन्न कराई जाती है। सभी प्रकार की पूजाएं आचार्य दीपक व्यास जी द्वारा 15 वर्षों से अधिक समय से की जा रही हैं। पंडित जी ने अब तक 15000+ से अधिक पूजाए सम्पन्न की है, और सभी यजमानो को संतुष्ट किया है। सभी यजमानो को शांति या पूजा विधि करने के बाद बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त हुये हैं।
पंडित दीपक व्यास उज्जैन में सर्वश्रेष्ठ काल सर्प दोष पूजा, मंगल दोष पूजा, महा मृत्युंजय जाप, नवग्रह शांति पूजा, रुद्राभिषेक पूजा, पितृ दोष पूजा, गृह शांति पूजा, ग्रहण दोष निवारण पूजा प्रदान करते है।
आपकी पूजा के विषय मे पंडित जी से बात करे और अपनी परेशानिया बताए और उनके समाधान हेतु पूजा बुक करे।
पंडित जी द्वारा बताए गए समय पर उज्जैन पहुंचे। (आप चाहे तो घर बैठे संकल्प लेकर ऑनलाइन पूजा भी करा सकते है।)
निश्चिंत होकर पूजा सम्पूर्ण करे, पूजा से जुड़ी सभी प्रकार की सुविधा व सामग्री हमारे द्वारा उपलब्ध करवा दी जाएगी।
कोई काम सही न होना, समय पर न होना विभिन्न प्रकार की परेशनीय कालसर्प दोष के कारण होती है अभी पंडित जी से कालसर्प दोष पूजा के बारे मे मुफ्त परामर्श ले।
मंगल दोष वैवाहिक जीवन, मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है और आर्थिक नुकसान भी पहुंचाता है। यदि मांगलिक व्यक्ति का जन्म मंगलवार के दिन हुआ हो तो उसका प्रभाव शून्य हो जाता है।
यदि आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति अशुभ, नकारात्मक, खराब प्रभावी, बुरे घर की स्थिति में है तो नवग्रह अनुष्ठान (पूजा) की जाती है। पंडित जी नवग्रह शांति पूजा का निवारण करते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र स्वयं भगवान शिव जी द्वारा निर्मित है फिर इस मंत्र को भगवान ने ऋषि मार्कंडेय को दिया था। राजा दक्ष द्वारा शाप दिए जाने पर चंद्र देव के जीवन को बचाने के लिए इस मंत्र का उपयोग किया गया था।
उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा किसी के कष्टों को दूर करने और परिवार में समृद्धि लाने के लिए की जाती है। यह शुभ पूजा रुद्र भगवान जी को समर्पित है। इस पूजन से कई प्रकार ले लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है।
राहू और केतू को पाप गृह माना गया है यह दोनों गृह जब किसी दूसरे गृह के साथ हो तो अनिष्ठ फल दर्शाता है यह दोनों गृह चांडाल जाती के है इसलिए इसलिए गुरु के साथ इनकी युति को गुरु चांडाल दोष कहते है।
अगर आपके जीवन में भी कोई समस्या है या फिर आपके भी काम बनते बनते बिगड़ जाते है और उनका समाधान जानना चाहते हैं? तो अभी पंडित जी द्वारा अपनी कुंडली दिखवाए और परामर्श ले।
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