
ज्योतिष में कालसर्प दोष को एक गंभीर योग माना जाता है, जो जीवन में अनेक बाधाएँ और चुनौतियाँ लाता है। शेषनाग कालसर्प दोष इसका सबसे प्रभावशाली प्रकार है, जो तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
क्या आप जानते हैं कि शेषनाग कालसर्प दोष के लक्षण क्या हैं? क्या इससे मुक्ति पाने के लिए कोई उपाय हैं? यह ब्लॉग पोस्ट आपको इस दोष के प्रभाव और समाधानों के बारे में विस्तार से बताएगी। अगर आप अपने जीवन में आ रही रुकावटों का कारण जानना चाहते हैं और उन्हें दूर करने के तरीके ढूंढ रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए है।
शेषनाग कालसर्प दोष क्या है?
शेषनाग कालसर्प दोष एक विशिष्ट प्रकार का कालसर्प दोष होता है, जिसमें राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं। यह दोष तब बनता है जब राहु 12वें भाव में और केतु 6वें भाव में स्थित होते हैं। यह स्थिति व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाओं और समस्याओं को जन्म देती है। यह दोष कालसर्प दोष के 12 प्रकारों मे से एक है।
व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के प्रभाव के कारण जीवन में कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसे विशेष रूप से “शेषनाग” कहा जाता है क्योंकि इसमें राहु और केतु के बीच एक लहर की तरह कुंडली में पंक्तिबद्ध ग्रहों का स्थित होना दर्शाया जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में संकट, रुकावटें, मानसिक तनाव, और आर्थिक समस्याएँ पैदा कर सकता है।
शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव
शेषनाग कालसर्प दोष के लक्षण कुछ विशिष्ट होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में कई समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। यह दोष मुख्य रूप से आर्थिक, मानसिक, पारिवारिक, और सामाजिक जीवन में कठिनाइयों का कारण बनता है। इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों मे देखने को मिल सकते है, जो की निम्नलिखित है :-
- शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शारीरिक समस्याएँ, विशेषकर पेट और हड्डियों से संबंधित बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
- इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं जैसे -वित्तीय समस्याएँ और उधारी का सामना करना पड़ सकता है।
- इस दोष के प्रभाव से पारिवारिक विवाद और असहमति उत्पन्न होती हैं। व्यक्ति को घर में मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
- व्यक्ति का करियर और जीवन अस्थिर हो सकता है, और किसी भी प्रयास या योजना में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- शेषनाग कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वह जीवन के उद्देश्य और अपने मार्ग से असंतुष्ट महसूस कर सकता है।
- इस दोष के कारण व्यक्ति को अक्सर थकान महसूस होती है, और वह आत्मविश्वास की कमी महसूस करता है।
- शेषनाग कालसर्प दोष के कारण धार्मिक अनुष्ठानों में व्यक्ति का ध्यान नहीं लगता और व्यक्ति का मन विचलित रहता है।
शेषनाग कालसर्प दोष के उपाय
शेषनाग कालसर्प दोष को शांत करने के लिए निम्नलिखित उपाय अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। इन उपायों से राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है, और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाई जा सकती है। ये उपाय निम्न है :-
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप शेषनाग कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव को शांत करने में मदद करता है। इस मंत्र का 108 बार नियमित जाप करने से शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” - नाग पंचमी या विशेष दिनों पर नाग देवता की पूजा करें। सांपों को दूध, गुड़, और चावल चढ़ाएँ तथा नाग देवता की मूर्ति का जल और दूध से अभिषेक करें।
- शिवलिंग का अभिषेक करें, प्रतिदिन गंगाजल, दूध, और काले तिल चढ़ाएं। अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
- विशेष यज्ञ और हवन करवाएँ, जिसमें राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को शांत करने के लिए आहुतियाँ दी जाती हैं।
- चांदी के नाग और नागिन की मूर्ति की नियमित पूजा करें। पूजा के पश्चात इसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करना भी शुभ माना जाता है।
- कालसर्प यंत्र को घर में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी पूजा करें, इससे शेषनाग कालसर्प दोष को शांत करने में लाभ मिलेगा।
- प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। बजरंगबली की पूजा करने से राहु और केतु के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
शेषनाग कालसर्प दोष के लाभ
- करियर मे सफलता मिलती है।
- संघर्ष करने से व्यक्ति मजबूत बनता है।
- व्यक्ति मे किसी प्रकार की विशेष प्रतिभा विकसित होती है।
- नेतृत्व क्षमता मे सुधार होता है।
- व्यक्ति की सोच सदैव सकारात्मक रहती है।
शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा
शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जो व्यक्ति की कुंडली में उपस्थित शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव को शांत करने के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए की जाती है जो जीवन में बार-बार बाधाओं, मानसिक तनाव, और आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
शेषनाग कालसर्प दोष के निवारण के लिए सही उपाय अपनाने से जीवन में आ रही रुकावटें, मानसिक तनाव, और आर्थिक समस्याएँ समाप्त हो सकती हैं। यह उपाय व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा, शांति, और समृद्धि प्रदान करते हैं। इस पूजा से राहु और केतु की नकारात्मक ऊर्जा को शांत किया जाता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जाती है।
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें ?
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