मंगल दोष के 3 प्रकार और उनके प्रभाव: उज्जैन पूजा से मुक्ति – वैदिक ज्योतिष की पूरी गाइड

मंगल दोष के 3 प्रकार और उनके प्रभाव_ उज्जैन पूजा से मुक्ति

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब जन्म कुंडली के लग्न (Ascendant), चंद्र लग्न (Moon Sign) या शुक्र लग्न (Venus Sign) से 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में मंगल ग्रह स्थित होता है, तो मंगल दोष बनता है। कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 2nd भाव को भी शामिल किया जाता है, खासकर दक्षिण भारतीय परंपरा में। मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस और युद्ध का कारक है, लेकिन इन भावों में होने पर यह क्रूर हो जाता है, जिससे जीवन में अशांति आती है।

मंगल दोष मुख्य रूप से विवाह और वैवाहिक सुख को प्रभावित करता है, लेकिन इसके प्रभाव स्वास्थ्य, करियर और पारिवारिक संबंधों पर भी पड़ते हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में 30-40% कुंडलियों में मंगल दोष पाया जाता है। लेकिन सही उपाय से इसे शांत किया जा सकता है।

मंगल दोष के 3 प्रकार (3 Types of Mangal Dosha)

मंगल दोष की तीव्रता मंगल की स्थिति, अन्य ग्रहों की दृष्टि और कुंडली के संदर्भ पर निर्भर करती है। ज्योतिष शास्त्र में इसे मुख्य रूप से 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: निम्न मंगल दोष, मध्यम मंगल दोष और उच्च मंगल दोष। ये प्रकार लाल किताब और पराशर होरा शास्त्र पर आधारित हैं। आइए इन्हें समझें:

1. निम्न मंगल दोष (Low Mangal Dosha)

यह सबसे हल्का प्रकार है, जब मंगल इन भावों में कमजोर या नीच राशि में होता है। उदाहरण: मंगल 12th भाव में हो, लेकिन शुभ ग्रहों की दृष्टि हो।

प्रभाव (Effects):

  • विवाह में मामूली देरी।
  • वैवाहिक जीवन में छोटे-मोटे झगड़े, लेकिन जल्दी सुलझ जाते हैं।
  • स्वास्थ्य में हल्की समस्याएं जैसे सिरदर्द या त्वचा रोग।
  • करियर में कभी-कभी बाधाएं, लेकिन सफलता मिल जाती है।

यह दोष अनदेखा करने पर बढ़ सकता है, इसलिए शुरुआती उपाय जरूरी हैं।

2. मध्यम मंगल दोष (Medium Mangal Dosha)

यह तब बनता है जब मंगल शुभ-अशुभ ग्रहों के बीच फंसा हो। उदाहरण: मंगल 4th या 8th भाव में हो, और राहु-केतु की दृष्टि हो।

प्रभाव (Effects):

  • विवाह में 1-2 साल की देरी या रिश्ते टूटने की संभावना।
  • शादी के बाद तनाव, अलगाव या स्वास्थ्य हानि (स्पाउस को प्रभावित)।
  • आर्थिक उतार-चढ़ाव और मानसिक अशांति।
  • पारिवारिक संबंधों में दरार, लेकिन गंभीर नहीं।

लगभग 50% मांगलिक दोष इसी श्रेणी में आते हैं।

3. उच्च मंगल दोष (High Mangal Dosha)

सबसे गंभीर प्रकार, जब मंगल उच्च राशि (मकर) में हो या अशुभ युति में। उदाहरण: मंगल 1st या 7th भाव में स्वराशि में हो।

प्रभाव (Effects):

  • विवाह में लंबी देरी या असफल प्रयास।
  • वैवाहिक जीवन में गंभीर कलह, तलाक या जीवनसाथी की हानि।
  • स्वास्थ्य में गंभीर रोग जैसे रक्त विकार या दुर्घटना।
  • करियर में बाधाएं, ऋण और मानसिक तनाव।

यह दोष जीवन को प्रभावित करता है, लेकिन उज्जैन पूजा से 90% मामलों में राहत मिलती है।

प्रकार (Type)स्थिति (Position)मुख्य प्रभाव (Key Effects)तीव्रता (Severity)
निम्न (Low)कमजोर मंगलमामूली देरी, छोटे झगड़ेहल्की (Mild)
मध्यम (Medium)मिश्रित युतिदेरी, तनाव, आर्थिक हानिमध्यम (Moderate)
उच्च (High)उच्च/अशुभ मंगलगंभीर कलह, स्वास्थ्य हानितीव्र (Severe)

मंगल दोष के सामान्य प्रभाव (General Effects of Mangal Dosha)

मंगल दोष के प्रभाव व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करते हैं, लेकिन सामान्यतः:

  • विवाह में बाधा: रिश्ते टूटना या देरी।
  • वैवाहिक जीवन: झगड़े, अलगाव या स्वास्थ्य समस्या।
  • स्वास्थ्य: रक्तचाप, चोट या मानसिक तनाव।
  • करियर: संघर्ष, लेकिन साहस से सफलता।
  • पारिवारिक: संबंधों में तनाव।

यदि दोनों पार्टनर मांगलिक हों, तो प्रभाव कम हो जाता है।

उज्जैन पूजा से मंगल दोष निवारण: विधि और लाभ (Mangal Dosha Remedies at Ujjain)

उज्जैन को मंगल दायक तीर्थ कहा जाता है, क्योंकि यहां मंगलनाथ मंदिर मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार, मंगल देव की उत्पत्ति महादेव से हुई। उज्जैन मे मंगल दोष भात पूजा (Mangal Bhat Puja) दोष निवारण का सबसे प्रभावी उपाय है।

पूजा विधि (Puja Procedure)

  1. तैयारी: पूजा से एक दिन पहले उपवास रखें तो अच्छा रेहता है।
  2. समय: सुबह का समय अधिक शुभ माना जाता है, मंगलवार को विशेष। पूजा 2-3 घंटे लगती है।
  3. प्रक्रिया:
    • संकल्प: पंडित जी कुंडली देखकर संकल्प लें।
    • मंत्र जाप: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का 108 बार जाप।
    • हवन और अभिषेक: शिवलिंग पर दूध, घी, बिल्व पत्र चढ़ाएं।
    • भात पूजा: भगवान मंगल को भात से श्रृंगार।
  4. अविवाहित के लिए: पूजा के बाद कुंभ विवाह (पेड़ या मिट्टी के घड़े से विवाह) करें।
  5. खर्च: ₹2100 से ₹5100 (रसीद शुल्क सहित)।

लाभ (Benefits)

  • दोष की तीव्रता कम हो जाती है।
  • विवाह में सुगमता, वैवाहिक सुख।
  • स्वास्थ्य और करियर में स्थिरता।
  • भक्तों के अनुभव: 80% मामलों में 6 महीने में परिणाम।

अन्य उपाय: मंगलवार व्रत, हनुमान चालीसा पाठ, मूंगा रत्न धारण (ज्योतिषी सलाह से)।

निष्कर्ष: मंगल दोष से मुक्ति पाएं, सुखी जीवन जिएं (Conclusion)

मंगल दोष के 3 प्रकार – निम्न, मध्यम और उच्च – जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में पूजा से पूर्ण मुक्ति मिलती है। यदि आपकी कुंडली में यह दोष है, तो देर न करें – आज ही पंडित से संपर्क करें। वैदिक ज्योतिष में कहा गया है, “दोषं नाशयति पूजा” (पूजा दोष नष्ट करती है)।

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