ज्योतिष शास्त्रो मे कई प्रकार के दोषो का वर्णन मिलता है। इन्ही दोषो मे से एक दोष है अंगारक दोष। ज्योतिष शास्त्र मे राहू और केतू को मायावी ग्रह माना गया है। राहू केतू यदि शुभ स्थिति मे हो तो जातक को जीवन मे सभी सुख सुविधाओ का लाभ मिलता है। लेकिन राहू केतू अशुभ स्थिति मे हो तो जातक को जीवन मे अनेक समस्याओ का सामना करना पड़ता है। आज इस लेख के माध्यम से हम अंगारक दोष के बारे मे जानेंगे की अंगारक दोष क्या होता है? अंगारक दोष के उपाय क्या है? और साथ ही जानेंगे की अंगारक दोष पूजा क्यो की जाती है?
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अंगारक दोष क्या होता है?
कुंडली मे जिस प्रकार राहू और गुरु के साथ होने पर गुरु चांडाल दोष बनता है। ठीक उसी प्रकार से जब राहू और मंगल की युति होने पर कुंडली मे अंगारक दोष परिलक्षित होता है। आसान शब्दो मे जब राहू और मंगल साथ होते है, तो अंगारक दोष योग बनता है।
अंगारक दोष के दुष्प्रभाव क्या है?
अंगारक दोष के दुष्प्रभाव निम्नलिखित है-
- किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं कर पाते है।
- जातक का स्वभाव सदैव गुस्सैल और चिड़ – चिड़ा रहता है।
- व्यापार मे सदैव हानि का सामना करना पड़ता है।
- विवाह मे देरी होती है।
- नौकरी मे सदैव तनाव बना रहता है।
अंगारक दोष के उपाय क्या है?
अंगारक दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपायो को अपना सकते है-
- राहू के प्रभाव को कम करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।
- मंगलवार के दिन व्रत रखने से इस दोष के दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
- मंगलवार के दिन मसूर दाल, लाल मिर्च या लाल कपड़े का दान करने से भी इसके दुष्प्रभाव मे कमी आती है।
- सुबह स्नान करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी लाभदायक सिद्ध होता है।
- अंगारक दोष निवारण मंत्र का जाप करना चाहिए।
- राहू और केतू शांति मंत्रो का जाप करना चाहिए।
अंगारक दोष पूजा क्या होती है?
ऊपर दिये गए उपायो को अपनाकर अंगारक दोष के दुष्प्रभाव को कम तो किया जा सकता है। किन्तु अंगारक दोष के दुष्प्रभाव को सदैव के लिए अंगारक दोष पूजा उज्जैन मे करवानी चाहिए। जिससे जीवन मे आ रही सभी प्रकार की समस्याए स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
महत्वपूर्ण सूचना – अंगारक दोष पूजा किसी विद्वान और अनुभवी पंडित जी से ही करवना चाहिए।
अंगारक दोष पूजा बूकिंग
अंगारक दोष एक बहुत ही खतरनाक दोष है, इसके लिए किसी अनुभव वाले पंडित जी से ही पूजा करवानी चाहिए। आचार्य दीपक व्यास जी को पिछले 15 वर्षो से अधिक समय से अंगारक दोष पूजा और अन्य मांगलिक कार्यो को करने का अनुभव प्राप्त है। पंडित जी के पूजा करने के पश्चात सभी यजमानो को शत प्रतिशत लाभ प्राप्त हुआ है।
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