वासुकी कालसर्प दोष

हिन्दू ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली मे वासुकी कालसर्प दोष होता है उस व्यक्ति के जीवन मे बाधाएं, आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक अशांति इत्यादि पाये जाते है, वासुकी कालसर्प दोष विशेष रूप से जीवन में अचानक संकट और चुनौतियां लाता है, इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा कराई जाती है।

वासुकी कालसर्प दोष क्या है ?

वासुकी कालसर्प दोष एक प्रकार का ज्योतिषीय दोष है, जो व्यक्ति की कुंडली में तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष का नाम नागों के राजा वासुकी नाग के नाम पर रखा गया है, जो भारतीय पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वासुकी नाग भगवान शिव के गले में विराजमान रहते हैं और उनकी कृपा से इस दोष का निवारण संभव है।

वासुकी कालसर्प दोष के प्रभाव

वासुकी कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाओं और समस्याओं को पैदा करता है। कुंडली में राहु और केतु के स्थान और उनके बीच स्थित ग्रहों की स्थिति के कई नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते है जो की नीचे दिये गए है :-

  • व्यक्ति को धन कमाने में कठिनाई होती है और बार-बार नुकसान का सामना करना पड़ता है।
  • लंबे समय तक बीमार रहना या उपचार में देरी होना।
  • तनाव, आत्मविश्वास की कमी, और निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
  • पारिवारिक जीवन में झगड़े और रिश्तों में कड़वाहट पैदा होती है।
  • मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलना ।
  • बार-बार सपने में सांप दिखाई देना।
  • व्यक्ति को भविष्य को लेकर लगातार चिंता रहती है।

वासुकी कालसर्प दोष के उपाय

वासुकी कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति को जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इस दोष को शांत करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय अत्यधिक प्रभावी माने गए हैं :-

  • भगवान शिव को कालसर्प दोष का प्रमुख निवारणकर्ता माना गया है इसलिए शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाएं।
  • नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से और उन्हे दूध अर्पित करने से इस दोष के प्रभाव को कम कर सकते है।
  • राहु-केतु को शांत करने के लिए विशेष नाग मंत्रों का जाप करना चाहिए
    “ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीस्थिता। ये च हेलीमृता लोके सर्वे तेप्यन्तु शांतये॥”
  • हनुमान जी की पूजा करने से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
  • मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए रोजाना ध्यान करना चाहिए।
  • गाय को हरी घास, गुड़, और आटे की लोई खिलाना चाहिए।
  • राहु और केतु से संबंधित वस्तुएं जैसे काले तिल, काले कपड़े, नारियल, और चांदी का दान करना चाहिए।

वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा

वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विधि है, जो व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं, आर्थिक समस्याओं, स्वास्थ्य संकट, और मानसिक अशांति को दूर करने में सहायक है। यह पूजा विशेष रूप से भगवान शिव और वासुकी नाग की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है, जो वासुकी कालसर्प दोष को शांत कर जीवन में सकारात्मकता लाती है।

वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा के दौरान विशेष मंत्रों और विधियों के माध्यम से राहु-केतु को शांत किया जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा ही सर्वश्रेष्ठ मनी जाती है।

वासुकी कालसर्प दोष का विवाह पर प्रभाव

वासुकी कालसर्प दोष का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से विवाह और वैवाहिक जीवन पर। यह दोष राहु और केतु के अशुभ प्रभाव के कारण कुंडली में उत्पन्न होता है और विवाह में देरी, समस्याओं, और अशांति का कारण बनता है। इसके ओर भी कई प्रभाव है जो की नीचे दिये गए है :-

  • कुंडली में वासुकी कालसर्प दोष होने पर विवाह में अनावश्यक बाधाएं आती हैं।
  • विवाह का शुभ समय निकल जाने पर भी रिश्ता तय नहीं हो पाता।
  • पति-पत्नी के बीच मतभेद और झगड़े।
  • रिश्ते में विश्वास की कमी और अलगाव की स्थिति।
  • परिवार के अन्य सदस्य भी वैवाहिक संबंधों में बाधा डाल सकते हैं।
  • पति या पत्नी में से किसी एक का स्वास्थ्य लगातार खराब रह सकता है।
  • छोटी-छोटी बातों पर विवाद और मानसिक अशांति।

वासुकी कालसर्प दोष का विवाह और वैवाहिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, लेकिन समय पर पूजा और उपाय करने से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। भगवान शिव और वासुकी नाग की कृपा से व्यक्ति सुखी और सफल वैवाहिक जीवन जी सकता है।

उज्जैन में वासुकी कालसर्प दोष निवारण का महत्व

उज्जैन, जो की प्राचीनकाल से ही धर्म और आध्यात्म का स्थल माना जाता है, वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए एक पवित्र और प्रभावी स्थान है। यहां के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और शिप्रा नदी के संगम पर की गई पूजा विशेष रूप से दोष निवारण में लाभकारी मानी जाती है।

उज्जैन में कई अनुभवी और योग्य पंडित वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा को विधिपूर्वक संपन्न करते हैं। पूजा के पहले और बाद में शिप्रा नदी में स्नान करने से दोष निवारण के परिणाम दोगुने हो जाते हैं।अगर आप इस दोष से परेशान हैं, तो उज्जैन में आकर वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति ला सकता है।

वासुकी कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे बुक करें ?

यदि आप भी वासुकी कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव से परेशान है तो इसकी पूजा उज्जैन मे कराने के लिए वहाँ के अनुभवी पंडित दीपक व्यास जी से संपर्क करें। पंडित जी को दोष निवारण पूजाओं का 15 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है।इस पूजा के माध्यम से आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। नीचे दिये नंबर पर कॉल करके ओर अधिक जानकारी प्राप्त करें :-

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