क्या आप भी यह अनुभव कर रहे है- मैंने सब कुछ किया, फिर भी सफलता नहीं मिल रही, परिवार में कोई न कोई बीमार रहता है, सपने में सांप काटता है, डर लगता है। तो ये कालसर्प दोष के लक्षण हो सकते है। बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि कालसर्प दोष की पहचान कैसे करें, ताकि वे समय रहते इसका उचित निवारण कर सकें।
कालसर्प दोष की पहचान कुंडली की जांच और जीवन के अनुभवों से आसानी से की जा सकती है। यदि बार-बार असफलता, तनाव या अवरोध का अनुभव हो रहा है, तो यह दोष सक्रिय हो सकता है। ऐसे में किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेकर उचित पूजा करवाना सबसे अच्छा कदम है। यदि कुंडली में दोष की पुष्टि होती है तो उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करना सबसे श्रेष्ठ उपाय माना जाता है।
कालसर्प दोष की पहचान कैसे करें? कौन-से लक्षण है इस दोष के
जब कुंडली के सभी 7 ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) राहु और केतु के बीच एक ही दिशा में फंस जाते हैं, तो कालसर्प योग बनता है। यह दोष पिछले जन्म के सर्प हत्या, नाग पूजा की उपेक्षा या विश्वासघात का फल है। कालसर्प दोष की पहचान दो तरीकों से की जाती है—
- जन्म कुंडली देखकर (Astrological Method)
- जीवन के लक्षणों और संकेतों से (Practical Signs)
1. जन्म कुंडली से पहचान
- जन्म कुंडली में यदि सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि — ये सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हों, तो यह कालसर्प दोष बनता है।
- यदि राहु कर्क राशि में है और केतु मकर राशि में है, और बाकी सभी ग्रह इनके बीच की राशियों में हैं, तो व्यक्ति के जीवन में यह दोष सक्रिय माना जाता है।
- दोष की तीव्रता तब और बढ़ जाती है जब राहु या केतु लग्न (Ascendant) में या चंद्रमा के साथ संयोजन में हों।
2. जीवन के संकेतों से पहचान
कई बार व्यक्ति को कुंडली की जानकारी नहीं होती, लेकिन जीवन में कुछ संकेत ऐसे होते हैं जो बताते हैं कि उसके ऊपर कालसर्प दोष का प्रभाव हो सकता है। इनमें निम्नलिखित लक्षण शामिल हैं:
- जीवन में बार-बार अचानक रुकावटें और असफलताएँ आना।
- कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना।
- डर, चिंता और नींद में सर्प से जुड़े सपने देखना।
- पारिवारिक कलह या आर्थिक अड़चनें रहना।
- महत्वपूर्ण समय पर अवसरों का छूट जाना।
- विवाह, संतान या नौकरी से जुड़ी अनिश्चितता या बाधाएँ आना।
- बार-बार किसी कार्य की शुरुआत करना और अधूरा छोड़ देना।
- शरीर में ऊर्जा की कमी, तनाव या मानसिक अस्थिरता रहना।
यदि ऐसे लक्षण आपके जीवन में बार-बार दिखाई दें, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी या पंडित से कुंडली विश्लेषण करवाना उचित रहता है। उज्जैन में 15 वर्षो से अधिक अनुभवी पंडित दीपक व्यास जी से अपनी कुंडली की जांच कराएँ और दोष की पुष्टि करे, पंडित जी कुंडली की जांच बिल्कुल मुफ्त करते है। आज ही नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और दोष के बारें में जानकारी प्राप्त करें।
कालसर्प दोष के प्रभाव कौन-कौन से होते है?
कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जैसे:
- व्यवसाय और करियर में असफलता
- वैवाहिक जीवन में असंतोष या देरी
- धन और स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ
- सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट
- मानसिक बेचैनी और आत्मविश्वास की कमी
यह दोष व्यक्ति की प्रगति में बाधा बनता है और कभी-कभी उसकी मेहनत का फल भी देर से देता है।
कालसर्प दोष का समाधान क्या है?
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष पाया गया है, तो इसका निवारण उज्जैन जैसे पवित्र स्थान पर विशेष पूजा द्वारा किया जा सकता है। सबसे प्रभावी उपायों में शामिल हैं:
- कालसर्प दोष निवारण पूजा
- राहु-केतु शांति पाठ
- रुद्राभिषेक या महामृत्युंजय जाप
- नागदेवता की पूजा और शिवलिंग पर अभिषेक
- सोमवार और नागपंचमी के दिन विशेष उपाय करना
जन्म कुंडली में दोष की पुष्टि होने के बाद उज्जैन जैसे पवित्र तीर्थ स्थल पर दोष निवारण पूजा अवश्य कराएं। यह पूजा इस दोष के नाकारात्मक प्रभाव को नष्ट करके जीवन में सकारतमकता लाती है। उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है, जहाँ कालसर्प दोष पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यहाँ विद्वान पंडितों द्वारा किए जाने वाले अभिषेक, हवन, और जाप से व्यक्ति को आत्मिक शांति और सफलता की प्राप्ति होती है।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा के लिए संपर्क कैसे करें?
कालसर्प दोष और पूजा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उज्जैन के योग्य पंडित दीपक व्यास जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें और पूजा की सटीक जानकारी प्राप्त करें।