जाने मांगलिक लड़के की शादी के लिए क्या उपाय हैं?

मांगलिक लड़के की शादी के उपाय

जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में होता है, तो उसे मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष विशेष रूप से शादी और वैवाहिक जीवन पर असर डालता है। कई बार यह दोष लड़के की शादी में रुकावटें लाता हैं। मांगलिक लड़के की शादी के लिए उपाय हैं: कुंभ विवाह (उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में प्रतीकात्मक विवाह) और मंगल भात पूजा

मंगल दोष के उपाय, जैसे कुंभ विवाह, मंगल भात पूजा, हनुमान चालीसा पाठ, और मूंगा रत्न, मांगलिक लड़के की शादी में बाधाओं को दूर करते हैं और सुखी दांपत्य जीवन सुनिश्चित करते हैं। कुम्भ विवाह पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में किया जाने वाला एक विशेष अनुष्ठान है, जिसमें प्रतीकात्मक विवाह के साथ मंगल ग्रह की शांति की जाती है। यह मांगलिक लड़कों के लिए विवाह बाधा और क्रोध नियंत्रण में प्रभावी है।

मांगलिक लड़के की शादी के लिए चमत्कारी और असरदार उपाय

मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और शादी को सफल और सहज बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय वैदिक ज्योतिष और शास्त्रों पर आधारित हैं। ये उपाय विशेष रूप से प्रभावी हैं। मांगलिक दोष दूर करने और विवाह संबन्धित समस्याओं के निवारण के लिए कुम्भ विवाह कराना सबसे शक्तिशाली और प्रभावी माना जाता है। ये इस दोष के निवारण का रामबाण उपाय है।

कुंभ विवाह (Kumbh Vivah) क्या है? उज्जैन में इस पूजा का क्या महत्व है?

यह मंगल दोष का सबसे प्रभावी उपाय है, जिसमें मांगलिक लड़के का प्रतीकात्मक विवाह एक मिट्टी के घड़े (कुंभ) या पीपल के पेड़ (अर्क विवाह) से किया जाता है। यह घड़ा मंगल की नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करता है, जिससे वास्तविक विवाह में बाधाएं कम होती हैं। यह उपाय सबसे प्रसिद्ध और असरदार माना गया है। कुंभ विवाह में मांगलिक व्यक्ति पहले एक कुंभ (घड़ा) या पीपल के पेड़ से प्रतीकात्मक रूप से विवाह करता है।

इससे मांगलिक दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है और बाद में वास्तविक विवाह बिना किसी बाधा के संपन्न हो सकता है। कुंभ विवाह एक 1.5-2 घंटे का वैदिक अनुष्ठान है, जो अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाता है। यह एक पूर्ण हिंदू विवाह की तरह होता है, जिसमें मांगलिक व्यक्ति को दूल्हा/दुल्हन बनाकर घड़े या पेड़ से विवाह किया जाता है। इस पूजा की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. संकल्प और तैयारी:
    • स्थान: उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर
    • वस्त्र: लड़के के लिए सफेद धोती, लड़की के लिए लाल साड़ी।
    • सामग्री: मिट्टी का घड़ा, लाल फूल, सिन्दूर, मंगलसूत्र, और हवन सामग्री।
    • प्रक्रिया: पंडित कुंडली विश्लेषण करते हैं। मांगलिक व्यक्ति क्षिप्रा नदी में स्नान करता है। संकल्प लिया जाता है।
  2. गणेश पूजा और मंगल आह्वान:
    • गणेश पूजा से बाधाएं दूर होती हैं।
    • मंगल मंत्र जाप: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” – 10,000 बार (रुद्राक्ष माला से)।
    • लाल फूल, कुमकुम, और अक्षत (चावल) चढ़ाए जाते हैं।
  3. प्रतीकात्मक विवाह:
    • घड़े/पेड़ को दूल्हा/दुल्हन माना जाता है।
    • कन्यादान, सात फेरे, सिन्दूर, और मंगलसूत्र की रस्में पूरी की जाती हैं।
    • वैदिक मंत्रों के साथ अनुष्ठान होता है।
  4. हवन और विसर्जन:
    • हवन में 108 आहुतियां (घी, लाल चंदन, और बिल्वपत्र के साथ)।
    • घड़े को क्षिप्रा नदी में विसर्जित किया जाता है, जो मंगल की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है।
  5. पूर्णाहुति और दान:
    • नारियल से पूर्णाहुति।
    • दान: लाल मसूर दाल, तांबा, लाल वस्त्र, और गुड़।
  6. अवधि: 1.5-2 घंटे।

कुंभ विवाह मंगल दोष का सबसे प्रभावी उपाय है, जो विवाह में बाधाएं हटाता है और दांपत्य जीवन को सुखमय बनाता है। अंगारक चतुर्थी या नवरात्रि पर उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में इसे कराना शुभ और फलदायी रहता है।

मांगलिक लड़के की शादी के लिए अन्य उपाय कौन-कौन से है?

  1. महामृत्युंजय जाप कराएं
    मंगल दोष के कारण यदि मानसिक अशांति या स्वास्थ्य संबंधी बाधाएं हैं, तो महामृत्युंजय जाप अत्यंत शुभ माना गया है। इस जाप से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

    3. मंगल दोष निवारण पूजा करें (Mangal Dosh Nivaran Puja)
    यह पूजा उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में विशेष रूप से कराई जाती है। पूजा के दौरान पंडितजी द्वारा मंगल ग्रह का शांति पाठ, नवग्रह मंत्रों का जाप और विशेष आहुति दी जाती है। इससे कुंडली में स्थित मंगल का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।

    4. भगवान हनुमान की उपासना करें
    मंगल ग्रह का संबंध हनुमान जी से है। हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ और बजरंग बाण का पाठ करने से भी मंगल शांत होता है। शुद्ध मन से हनुमान जी की आराधना करने पर शादी के योग बनते हैं।

    5. लाल वस्त्र और मूंगा रत्न धारण करें
    मूंगा (Coral) मंगल ग्रह का रत्न है। इसे सोने या तांबे की अंगूठी में धारण किया जाता है, लेकिन इसे पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श जरूर लें। साथ ही मंगलवार को लाल वस्त्र पहनना और लाल मसूर का दान करना शुभ माना गया है।

    6. मंगलवार को उपवास रखें
    मंगलवार के दिन व्रत रखने से मंगल देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन नमक का सेवन न करें और हनुमान जी के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।

मांगलिक लड़के की शादी में देरी क्यों होती है?

  1. कुंडली में असंतुलित मंगल: मंगल के अशुभ स्थान पर होने से वैवाहिक योग कमजोर हो जाता है।
  2. ग्रहों का टकराव: कुछ कुंडलियों में मंगल के साथ राहु, केतु या शनि का मेल भी होता है जो दोष को और बढ़ा देता है।
  3. असमान कुंडली मिलान: गैर-मांगलिक लड़की से विवाह करने पर ज्योतिषीय असंतुलन माना जाता है।
  4. पिछले कर्मों का प्रभाव: कई बार यह दोष पिछले जन्म के कर्मों से भी जुड़ा होता है।

उज्जैन में मांगलिक दोष निवारण पूजा क्यों करानी चाहिए?

उज्जैन ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र स्थल है। यहां भगवान महाकालेश्वर, मंगलनाथ मंदिर, और शिप्रा नदी का संगम इस भूमि को अद्भुत शक्तिशाली बनाता है। माना जाता है कि यहां किए गए मंगल दोष निवारण या कुंभ विवाह के प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं।

उज्जैन में मांगलिक दोष पूजा कैसे कराएँ?

उज्जैन के अनुभवी पंडित और ज्योतिष वैदिक विधि से पूजा करवाते हैं, जिससे व्यक्ति का मंगल दोष पूरी तरह शांत होकर विवाह योग मजबूत होता है। मांगलिक दोष निवारण पूजा उज्जैन में करने के लिए अभी संपर्क करें और अपने जीवन के शुभ विवाह योग को साकार करें।

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