सावन में रुद्राभिषेक पूजा का विशेष महत्व

भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन में रुद्राभिषेक पूजा का विशेष महत्व है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है और यह माह भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है। वहीं शास्त्रों में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय बताए गए हैं। वहीं शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। इस पोस्ट मे हम यह जानेंगे की सावन के महीने में रुद्राभिषेक पूजा का विशेष महत्व और इसके फायदे क्या क्या है।

सावन में रुद्राभिषेक पूजा का विशेष महत्व

जैसा की हम सभी जानते है की हिन्दू मान्यताओ के अनुसार सावन का महीना पूरे सालभर मे सबसे पवित्र और भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है की भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है तथा भगवान शिव को जल की धारा अति प्रिय है, भगवान शिव की पूजा अर्चना करते समय उनका जल से अभिषेक किया जाता है। इसलिए भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक किया जाता है।

अगर आप सावन के महीने मे रुद्राभिषेक की पूजा करते है, तो आप पर भगवान शिव की कृपा और भी जल्दी होती है। और आप ने जो मनोकामना मांगी है वह भी जल्दी ही पूरी हो जाती है। सावन माह में रुद्राभिषेक पूजा करवाने से जातक की कुंडली में मौजूद विभिन्न ग्रह दोष शांत होते हैं। आपको रुद्राभिषेक की पूजा प्रशिक्षित पंडितों द्वारा ही करानी क्यूंकी पूरे विधि विधान से पूजा करने पर तत्काल फल प्राप्ति भी हो सकती है। इस पूजा से कालसर्प दोष के असर को भी कम किया जा सकता हो।

सावन मे रुद्राभिषेक की विभिन्न पूजा के फायदे और लाभ

सावन मे रुद्राभिषेक की विभिन्न पूजा के फायदे और लाभ

सावन मे रुद्राभिषेक करने से बहुत से फायदे और लाभ होते है, जैसे:-

  • जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
  • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
  • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
  • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
  • धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
  • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
  • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
  • शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
  • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
  • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
  • शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
  • सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
  • प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
  • सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
  • पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।
  • पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
  • गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।

उज्जैन मे सावन मे करवाए रुद्राभिषेक पूजा

अगर आपको उज्जैन मे सावन मे रुद्राभिषेक पूजा करना है, तो आप पंडित दीपक गुरु जी से संपर्क कर सकते है। पंडित दीपक व्यास जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए 15 वर्षो से भी अधिक समय हो गया है।

आचार्य जी के पास वर्षभर लोग रुद्राभिषेक पूजा एवं अन्य धार्मिक कर्मकांडो को करवाने के लिए आते है, और अपनी समस्या से छुटकारा पाते है। सावन में रुद्राभिषेक पूजा बूक करने के लिए आप नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।

सावन माह में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए?

सावन माह को सबसे पवित्र महिना भी माना जाता है, आप इस महीने मे किसी भी दिन रुद्राभिषेक पूजा करा सकते है। लेकिन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करवाने से जल्दी फल प्राप्ति होती है।

सावन में रुद्राभिषेक करने से क्या होता है?

भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन में रुद्राभिषेक पूजा का विशेष महत्व है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है और यह माह भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है।

रुद्राभिषेक मे कितना खर्च आता है?

रुद्राभिषेक पूजा मे केवल 3 से 4 घंटे का समय लगता है, और रुद्राभिषेक मे मात्र 2100/- से 5100/- रूपये का खर्चा आता है।

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